मेरी बात

नाम आशीष है। सरनेम में आप शर्मा और महर्षि दोनों ही लिख सकते हैं। लेकिन व्‍यक्तिगत रुप से मुझे सिर्फ आशीष ही अच्‍छा लगता है। काशी, आजमगढ़, अलवर, जयपुर, अहमदाबाद और भोपाल होते हुए अब मुंबई में हूं। मुम्बई में एक नेटवर्क १८ से जुड़कर पत्रकारिता करने का प्रयास कर रहा हूँ. जन्मस्थान काशी है जिसे बनारस और वाराणसी भी कहा जाता है जहां विश्‍वनाथ बसते हैं तो गंगा का भी यहां निवास है। गलियां ऐसी की मान‍चित्र के बड़े बड़े खिलाड़ी यहां गच्‍चा खा जाए। फिलहाल मुंबई में एक मीडिया ग्रुप में उप संपादक पद पर रह कर दो रोटी का जुगाड़ कर रहा हूं। शुरुआती पढाई आजमगढ में हुई लेकिन चौथी से लेकर बारहवीं तक बनारस में रह कर पढ़ा। फिर राजस्‍थान भेज दिया गया और बीकॉम वहीं से पास किया। इसके बाद भोपाल से पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की। बाद में जिन लोगों के संपर्क में आया उन्‍होंने अखबार वाला बना दिया। यानि एक पत्रकार। खैर बाद में मुझे भी नशा आ गया। लिख्‍ाना मेरी सबसे अच्‍छी या कहें बुरी आदत है। लेकिन मजा आता हर विषय पर लिखने में। हिन्‍दी पर ही पूरा ध्‍यान। सपना बस इतना सा ही एक अच्‍छे पत्रकार के साथ एक अच्‍छा इंसान भी बन सकूं लेकिन अभी तक नहीं बन पाया। साफगोई मुझे पसंद है लेकिन अफसोस होता है जब मेरी बातों से किसी को भी तकलीफ होती है।

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9 comments:

  1. Rajendra Says:

    Acche insaan ban gaye to no one can prevent you from becoming a accha journalist.
    All the best.
    Rajendra Bora,
    Jaipur

  2. Ashish Maharishi Says:

    thank u sir

  3. Kirtish Bhatt Says:

    Aapne cartoon ko sarahah dhanyawaad. doosra wala hi sahi chalo hamari dukan se kuchh to bika .
    anyways... thank u and all the best.

  4. Unknown Says:

    "halla bol" aapka blog dekhna shuru kiya hai. umeed hai aap achhe subjects ko aage badane ke liye sarthak koshish par dhyan denge.......kabhi kisi ko janbhuj kar pareshan mat karna .......khud hi dusron ki nazar me achhe insaan ban jaoge bina aur kisi prays ke...........

    yatendra
    delhi

  5. Unknown Says:

    life me kabhi kisi ko pareshan mat karna.......dusron ki nazar me khud hi ek achhe insan ban jaoge....bina aur kisi prayas ke.........

  6. गूगल मित्र Says:

    आशीष, आपकी अपने बारे में बेबाकी बहुत अच्छी लगी. आपकी भाषा को देख कर लगता है की आप नाहक ही टीवी के अरण्य में चले गए जहाँ सिर्फ़ शिकारियों का राज है. नहीं बनेंगे तो मारे जायेंगे.. शुभकामनाएं
    आलोक तोमर

  7. अविनाश वाचस्पति Says:

    सफर
    फर फर फर
    फर

  8. Chaturesh kumar tiwari Says:

    i think u r a very good man as well as a good journalist.

  9. धीरज राय Says:

    kya sirji kaun kehta hai ki aap achhe insan nahi hai